Thursday 26 December 2013

समाज सेवा...

समाज सेवा के होगे हावय, अब तो भइगे एक चिन्हारी
डांड़-बोड़ी संग चंदा-खोरी, छल-छिद्र अउ दांत-निपोरी.....

No comments:

Post a Comment