Friday 18 April 2014

बाय होगे जी...















टोपी लगाथे अउ झंडा हलाथे, बड़ा बाय होगे जी
अरे बाय होगे जी, टूरा लेडग़ा ल जाने काय होगे...

संसद के रस्ता अब सबला सुहाथे
लुड़ू-बुचु सबो झन उही तनी जाथे
सिधवा बर छेंका अउ ठगुवा बर झांय होगे जी...

जनता के सेवा अब चुल्हा म चल दिस
जेने बनीस संगी, उही ल हुदर दिस
अब बदला भंजाय के, ये तो उपाय होगे जी...

मोर खेदू-बिसाहू मन उमियाय परे हें
ये पैडगरी रद्दा ल कबिया के धरे हें
बिच्छल हे भुइयां, तभो उंकर बर ठांय होगे जी...

 सुशील भोले 
 संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
 ई-मेल -  sushilbhole2@gmail.com
 मो.नं. 080853-05931, 098269-92811

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