Saturday 6 September 2014

बादल कब इठलायेगा...











अपनी बांहों में चांद छुपाकर बादल कब इठलायेगा
प्रेम तराने गाने वाला, वो सावन कब आयेगा...

कहीं खामोशी है अधरों पर और जे़हन में है तृष्णा
बन-बन डोलती गोपी के, जैसे हृदय में है कृष्णा
प्रेमी सपनों को सरगम देने, मेघ मल्हार कब गायेगा...

कब से आस लगा बैठा है, चातक अपनी प्यास बुझाने
चंद्र किरण संग चंचल बन, अपने हृदय को हर्षाने
विरह वेदना को स्वर देने, कब प्रेमी पपीहरा गायेगा...

सुशील भोले 
म.नं. 54-191, डॉ. बघेल गली,
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811

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