Monday 24 November 2014

संगवारी राजा....














आजा रे संगवारी राजा, 
लेके आजा गंड़वा बाजा
संग म घोड़ा-गाड़ी-बराती, 
मइके के संग छोड़ाजा.....

फुगड़ी बिल्लस के दिन परागे
खोखो डड़इय्या घलो झुपागे
अब तो मोहरी के धुन सुनाजा... आजा रे...

भरे जाड़ म कातिक नहावन
महादेव ल तोर बर मनावन
अब तो फल पाये के आरो देवाजा... आजा रे...

तीजा उपास घलो रहि जावन
सब के संग म फुलेरी सजावन
वोकरो महिमा के परसाद चिखाजा... आजा रे...
(फोटो-गुजरात हैंडीक्राफ्ट आर्ट से साभार)

सुशील भोले
54/191, डॉ. बघेल गली, संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ई-मेल - sushilbhole2@gmail.com

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