Friday 23 January 2015

जय माँ शारदे...












जय माँ शारदे... माँ शारदे..... माँ शारदे....
सप्तसुरों को झंकृत कर दे, ज्ञान-कला भर दे...

श्वेत हंस पर चढ़ कर मैया, मेरे दर पर आजा
अपनी वीणा के सरगम से तन-मन ये झनका जा
फिर गूंजे मेरा भी स्वर, यहां ऐसा कुछ कर दे....
जय माँ शारदे.....

* सुशील भोले

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