Friday 24 April 2015

बाढ़े बेटी के बिदा करत....

















झर-झर आंसू झरथे, हिरदे धक ले करथे
बाढ़े बेटी के बिदा करत मन-अंतस ह जरथे
कइसे नेंग बनाये हावय, ये बैरी समाज ह
दाई-ददा के छाती ल बस कूटा-कूटा करथे

सुशील भोले 
मो. 80853-05931, 98269-92811

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