Monday 29 June 2015

माटी के पीरा...


















ए माटी के पीरा ल कतेक बतांव,
कोनो संगी-संगवारी ल खबर नइए।
धन-जोगानी चारों खुंट बगरे हे तभो,
एकर बेटा बर छइहां खदर नइए।।...

कोनो आथे कहूं ले लांघन मगर,
इहां खाथे ससन भर फेर सबर नइए।...

दुख-पीरा के चरचा तो होथे गजब,
फेर सुवारथ के आगू म वो जबर नइए।...

अइसन मनखे ल मुखिया चुनथन काबर,
जेला गरब-गुमान के बतर नइए।...

लहू तो बहुतेच उबलथे तभो ले,
फेर कहूं मेर कइसे गदर नइए।...

सुख-शांति के गोठ तो होथे गजब,
फेर पीरा के भोगइया ल असर नइए।...

सुशील भोले
डॉ. बघेल गली, संजय नगर (टिकरापारा)
रायपुर (छ.ग.) मोबा. नं. 098269 92811
ईमेल- sushilbhole2@gmail.com

No comments:

Post a Comment