Friday 21 August 2015

फेसबुक और वास्तविक संसार...

फेसबुक पर हमारे पांच हजार मित्र हैं, यह सोचकर हम बड़े खुश हो जाते हैं। लगता है, हमसे ज्यादा खुशनसीब और लोकप्रिय और कोई नहीं है। लेकिन जब हमें अपने सुख-दुख में किसी अपने की आवश्यकता होती है, तब इनमें से पांच लोग भी उपलब्ध नहीं हो पाते। तब अहसास होता है कि यह काल्पनिक मित्र-संसार हमारे किसी काम का नहीं है। अंत में काम केवल वे ही लोग आते हैं, जो हमारे आस-पास होते हैं, सही मायने में हमारे अपने होते हैं।

सुशील भोले
मो.नं. 098269 92811, 080853 05931

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