Tuesday 12 January 2016

कइसे पाबे तैं अधिकार....

जब तक दिल्ली म बइठे हे, तोर भाग के खेवनहार
तब तक बेटा छत्तीसगढिय़ा, कइसे पाबे तैं अधिकार

तोर घर अउ तोरे अंगना, फेर नीति वोकर चलत हे
एकरेच सेती जम्मो बैरी, तोर छाती म कूदत हें
वोकर इहां जतका मोहरा हें, करथें भावना के बैपार....

राष्ट्रीयता के माने नोहय, इहां के मुंह म पैरा बोजंय
अउ चारों मुड़ा के धन-दौलत ल, अंखमुंदा उन लूटंय
अब तो चेत जा परबुधिया, अपन-बिरान के कर चिनहार....

अपन हाथ म राज लिए बर, अपन फौज बनाना परही
जे मन दोगलाही करथें, उंकरो मौत मनाना परही
कतकों मीत-मितानी होवय, तभो कतर रे जस कुसियार....

सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ईमेल -  sushilbhole2@gmail.com

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