Friday 8 January 2016

छत्तीसगढ़ में भी स्थानीय पार्टी की आवश्यकता...

छत्तीसगढ़ को स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आये 15 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस बीच  देश की दो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों की सरकार हमने देख लिया है। दोनों ही पार्टी यहां की अस्मिता और मूल निवासियों की समस्या, उनके अधिकारों के प्रति लापरवाह रही हैं। यह कहना ज्यादा अच्छा होगा कि इन पार्टियों ने राष्ट्रीयता के नाम पर क्षेत्रिय उपेक्षा का नंगा नाच किया है। यहां के लोगों को  कमजोर बनाने, विस्थापित करने का षडयंत्र रचा है। यहां के संसाधनों को लूटकर अपने और अपने घर वालों को मालामाल किया है।

कुल मिलाकर यह कहना ज्यादा अच्छा होगा कि  जिन उद्देश्यों को लेकर यहां के महापुरुषों ने पृथक राज्य का स्वप्न देखा और उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए राज्य आंदोलन का श्रीगणेश किया, वह कहीं से भी सार्थक होता दिख नहीं रहा है।    

देश के कई अन्य राज्यों में एेसे ही हृदय विदारक दृश्यों के चलते स्थानीय पार्टियों ने जन्म लिया है, और उसका परिणाम भी सुखद रहा है। तो क्या छत्तीसगढ़ में भी एक एेसी ही क्षेत्रिय पार्टी का गठन नहीं किया जाना चाहिए जो स्थानीय लोगों, उनके अधिकार और अस्मिता के लिए निःस्थार्थ काम कर सके।

यहां पहले कुछ लोग स्थानीय पार्टी बनाने का काम कर चुके हैं, लेकिन वे राष्ट्रीय दलों से "खेदारे" हुए लोग थे, या फिर एेसे लोग थे जिनकी विश्वसनीयता संदिग्ध थी, इसीलिए वे सफल नहीं रहे। कुछ एेसे भी लोग थे जो छत्तीसगढ़िया के नाम पर गैर छत्तीसगढ़िया लोगों को या कहें "शंकरनस्ल" के छत्तीसगढ़िया लोगों को "मूल" छत्तीसगढ़िया के सिर पर लाद देना चाहते थे। यह भी उनके आंदोलन के असफल होने का कारण रहा है।

अब छत्तीसगढ़ को "आरुग" छत्तीसगढ़िया लोगों की पार्टी की आवश्यकता है। एेसे छत्तीसगढ़िया जो "दिल्ली" में बैठे लोगों की जय बोलाने को ही राष्ट्रीयता ना समझे। एेसा "आरुग" छत्तीसगढ़िया केवल क्षेत्रिय पार्टियों के माध्यम से ही हमें मिल सकता है। तो आईये "आरुग छत्तीसगढ़िया" लोगों की एक स्थानीय पार्टी को मूर्त रूप देने के दिशा में कदम बढ़ायें...

जय छत्तीसगढ़...  जय छत्तीसगढ़ी..  जय छत्तीसगढ़िया...

सुशील भोले 
संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
मो. नं. 080853-05931, 098269-92811

No comments:

Post a Comment