Thursday 3 March 2016

पवन दीवान जी का सानिध्य...

ब्रम्हलीन संत कवि पवन दीवान जी के सानिध्य का सौभाग्य मुझे  कई अवसरों पर मिलता रहा है...





Wednesday 2 March 2016

क्यों शांत हो गये पवन...
















आँधी का रूप दिखाकर क्यों शांत हो गये पवन
तेरे ठहाकों से गूंज रहा है, अब भी धरा-गगन
काम अभी भी कई शेष हैं जो तुमने प्रारंभ किए
छत्तीसगढ़ियों के सपनों को कुछ-कुछ पूर्ण किए
उन्हें पूर्ण करने का हम तो, अब देते हैं वचन
यही हमारी श्रद्धांजलि है, शत-शत तुम्हें नमन


* सुशील भोले *