छत्तीसगढ़ की जन भाषाओं को समृद्ध बनाने, उन्हें उचित सम्मान देने के लिए जिस तरह से यहां छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की स्थापना की गई है, ठीक उसी तरह यहां की मूल संस्कृतियों को संरक्षित करने, उन्हें उनके मूल रूप में स्थापित करने के लिए भी एक मूल संस्कृति आयोग की आवश्यकता है।
यहां का संस्कृति विभाग कला, संस्कृति के लिए अच्छा काम कर रहा है, लेकिन उसके पास अनेकों और भी कार्य होते हैं, जिसके कारण मूल संस्कृति के लिए जितना जतन किया जाना चाहिए उतना होता नहीं है। यदि मूल संस्कृति के लिए अलग से आयोग की स्थापना कर दी जाये तो निश्चित रूप यह यहां की मौलिक पहचान के लिए, यहां की अस्मिता के लिए सुखद होगा।
आप क्या कहते हैं....
* सुशील भोले
यहां का संस्कृति विभाग कला, संस्कृति के लिए अच्छा काम कर रहा है, लेकिन उसके पास अनेकों और भी कार्य होते हैं, जिसके कारण मूल संस्कृति के लिए जितना जतन किया जाना चाहिए उतना होता नहीं है। यदि मूल संस्कृति के लिए अलग से आयोग की स्थापना कर दी जाये तो निश्चित रूप यह यहां की मौलिक पहचान के लिए, यहां की अस्मिता के लिए सुखद होगा।
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* सुशील भोले
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