Monday 6 June 2016

तुतारी // अंकरस के दिन नंदागे...

मानसून आये के पहिली जब बरसा होय अउ किसान मन नांगर फांदय, त वोला अंकरस के नांगर कहंय। अब बेरा के संग खेती-किसानी के तौर-तरीका बदलगे। खुर्रा बोनी, अंकरस बोनी लगभग नंदागे। नांगर जोतत किसान के ददरिया के सर्रई अउ कमइलीन के वोला झोंक के जुवाब देवई। सब तइहा के बात होगे। अब टेक्टर के धुंगिया उगलत भकभकी भाखा के सोर के छोंड़ खेत म अउ कुछु नइ सुनावय।

सुशील भोले
9826992811, 808530593

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