Thursday 15 September 2016

बूझता दीपक और मसीहा...

एक बूझता दीपक अनायास भभक गया है
अग्नि शिखर से खुद को श्रेष्ठ समझ गया है
प्रकृति ने तोड़ी है जिसकी अहंकार की जांघ
वह श्रेष्ठजनों का खुद को मसीहा समझ गया है

* सुशील भोले
मो. 98269 92811, 80853 05931

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