Saturday 19 November 2016

सोन-पांखी के फांफा-मिरगा ...



















सोन-पांखी के फांफा-मिरगा या बिखहर हो जीव
सबके भीतर बन के रहिथे एकेच आत्मा-शिव
तब कइसे कोनो छोटे-बड़े या ऊंँचहा या नीच
सब वोकरे संतान ये संगी जतका जीव-सजीव

* सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
मो. 98269 92811, 80853 05931

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