Thursday 28 September 2017

आग मांगने की परंपरा


हमारी संस्कृति में आग मांगने की भी एक परंपरा है।हम जब छोटे थे।गांव में रहते थे, तब रोज शाम को हमारे अड़ोस-पड़ोस की पांच-सात महिलाएं हमारे घर छेना (कंडा) लेकर आ जातीं, हमारी दादी के साथ गप्पे लड़ाती, साग-सब्जी की बातें होती और फिर अपने घर चली जातीं।
जहां तक धर्म और संस्कृति की बात है, तो इसमें इसका एक अलग ही महत्व है। नवरात्र, होली या घर में शादी-व्याह आदि के अवसर पर किसी सिद्ध मंदिर या मांत्रिक से आग लेकर ज्योति या अग्निकुण्ड प्रज्वलित करने की परंपरा है।
इसके पीछे केवल यही भावना होती है कि हम अपने शुभ कार्य एक ऐसे व्यक्ति या स्थल के माध्यम से कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित रहे कि उनकी सिद्धी का परिणाम हमारे यहां भी बना रहे।
कई लोग इसे अंधविश्वास की श्रेणी में रख सकते हैं। वे यह भी कह सकते हैं, जो लोग स्वयं ही मंत्र सिद्ध किए हैं, उन्हें ऐसा करने की क्या आवश्यकता है? बात सही भी है, जिन लोगों ने स्वयं मंत्रसिद्ध किए हैं, उन्हें किसी अन्य सिद्ध व्यक्ति या स्थल से ऐसे कार्यों या प्रयोजन के लिए आग लाने की आवश्यकता नहीं है।लेकिन मुझे लगता है कि हमें कई अवसरों पर अपनी तर्क शक्ति को एक किनारे रखकर परंपरा को पल्लवित होने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
आज आग जलाने के अनेक साधनों का आविष्कार हो चुका है, लेकिन अपनी पड़ोसन से आग मांगकर लाना और इसी बहाने दुख सुख की बात कर लेने का जो महत्व है वह अद्भुत है।
-सुशील भोले-9826992811

जिनगी मेकरा के जाला कस ...


















जिनगी मेकरा के जाला कस कोन जोड़ कोन छोर ये
कोन गंथना कमजोर हवय त कोन बने सजोर ये
का जानी ए काय खेल ए अउ कोन एला करवाथे
बस अतके टमड़त रहि जाथन अउ बेरा बुलक जाथे

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

सावधान😀बाबाओं की संख्या में वृद्धि

सावधान😀बाबाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है






लइकापन के खेल निराला ..


















लइकापन के खेल निराला का-का रूप धराथे
बघवा-भालू कभू त कभू खुद भगवान बन जाथे
इही उमर के लीला संगी जीवन भर सुरता रहिथे
बिना भेदभाव के सिरजन जे अंतस ले सिरजथे

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

Friday 22 September 2017

हिन्दी दिवस पर सम्मान...

हिन्दी दिवस पर शाउमावि टांगापानी सिहावा में सुशील भोले सम्मानित


लघु कथाकार के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाली डाॅ शैल चंद्रा जी एवं व्ही पी चंद्रा जी को नगरी प्रवास के दौरान "आखर अंजोर" की प्रति भेंट



नवंबर महीना छत्तीसगढ, छत्तीसगढी...

नवंबर महीना छत्तीसगढ, छत्तीसगढी अउ छत्तीसगढिया मन बर बड़ महत्व के महीना होथे।1नवंबर के हमर नवा राज बने के तिथि आय त 28 नवंबर हमर महतारी भाखा छत्तीसगढी ल विधानसभा म सर्वसम्मति ले पास कर राज्य स्तर म राजभाखा के रूप म मान्यता देय के तिथि आय त काबर न ए पूरा नवंबर महीना ल छत्तीसगढ, छत्तीसगढी अउ छत्तीसगढिया महीना के रूप म विविध आयोजन के माध्यम ले मनाए जाय? 

संगी हो जइसे अभी हमन हिन्दी दिवस मनाए हावन, अपन राष्ट्रभाखा ल रंग-रंग के आयोजन कर सुमरे अउ बढवारी खातिर उदिम करे हावन, ठउका अइसनेच छत्तीसगढी खातिर घलो करे जाय।इहां के जम्मो भाखा, जम्मो संस्कृति अउ जम्मो चिन्हारी खातिर पूरा चारोंखुंट रंग-रंग के आयोजन करे जाय। सरकार के मुंह देखे ल छोड़ के अपन-अपन ठउर म अपन-अपन गांव, शहर अउ सभा-समिति म कोनो न कोनो किसम के आयोजन करन।

आप मन का कहिथव? का मोर कहना सही हे? त अपन बिचार के संग आप का आयोजन कर सकथौ या आयोजन करवा सकथौ एकर सोर-संदेशा देवव।
जम्मो झन ल जोहार


सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)

मोबा. नं. 98269-92811

पांव छोलागे रद्दा रेंगत फेर ...
















पांव छोलागे रद्दा रेंगत फेर डेहरी के छांव नहीं
बसगे सरी दुनिया कहिथें फेर हमर गांव नहीं
पुरवइया तो आथे-जाथे फेर वोकरो आस नहीं
बिच्छल हे माया-ठगनी इंकर तो बिसवास नहीं
बस पिरोहिल के डेरा म एको जगा मिल जातीस
तब मुक्ति के कोरा म जीव हमरो खिल जातीस

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

गजब बिरजे तैं ह दाई छत्तीसगढ ...


















गजब बिरजे तैं ह दाई छत्तीसगढ के भुइयां
धूप-दीप संग जंवारा जगा परत हौं पइयां
कहूं बमलाई कहूं समलाई कहूं चंडी के रूप
तहीं खल्लारी चंद्रहासिनी अउ महमाई सरूप
दंतेश्वरी अउ बिलईमाता घलो तहीं कहाथस
आनी-बानी के रूप धरे सबके मनला भाथस

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

शीतला मंदिर के बइगा मेर ले...












शीतला मंदिर के बइगा मेर ले लाने हावौं आगी
जोत-जंवारा के बदना म हमू बने हावन भागी
खुल जाही अब भाग हमरो दाई सउंहत आही
बरसाही मया के बरसा संग म खुशहाली लाही

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

Monday 18 September 2017

फेर नेवता हे तोला दाई ...


















फेर नेवता हे तोला दाई गरजत-गरजत आबे
चारों मुड़ा रार मचत हे सब्बोच ल सिरवाबे

आज तो बैरी जुलमी मन उज्जर रंग म रहिथें
तोप-ढांक के करम-दोष ल गुत्तुर-गुत्तुर कहिथें

जतका देव-धरम के ठीहा सब म बैरी के बासा
अब्बड़ खोज-खबर कर डारेन अब तोरे हे आसा

शिव के शक्ति तोरेच भक्ति तहीं अब संहार कर
संहारकर्ता के सहभागी पीड़ित जन के उद्धार कर

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

Monday 11 September 2017

धरती दाई कलपत हावय झन..

धरती दाई कलपत हावय झन उझारौ कोरा
आगी ढिलहू जंगल म त तुंहरो परहीच फोरा
देख मौसम के चाल बदलगे तुंहरे करनी आय
ठन-ठन भुइयां म लहुटत हे हमर धान कटोरा

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

खुदे उठाना परथे बोझा, जब ..

खुदे उठाना परथे बोझा, जब तक तन म स्वांसा हे
खोरवा-लुलुवा हो जावौ भले, इही बंधना के फांसा हे
चार खांध तो तभे मिलही जब जीव शिव संग मिलही
तब तक घिलर के रेंगना परही जब तक एहर खटही

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

बरा-बोबरा संग चुरे हे आज ..

बरा-बोबरा संग चुरे हे आज तो गुरहा चीला
नंगत झड़कबोन हमन तो जम्मो माई-पिला
पितर पाख के जोहार हे बबा धमकही पक्का
कहिथें पुरखा मन ए परब म देखाथें जी लीला

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811

Tuesday 5 September 2017

बीमारी ल नेवता आय जी ...

बीमारी ल नेवता आय जी जादा गंभीर बने रहना
एकरे सेती गुरुजी कहिथे रहना चाही हांसत रहना
खेल-कूद अउ कला-साहित घलो आय एकरे अंग
सदा सलामत रइही जी संगी जे धरही इनकर संग

😀सुशील भोले-9826992811

समाज सेवा के माने नोहे ....

समाज सेवा के माने नोहे बस जात-पात के बात करन
अपने अंग के लोगन ल फटकारन अउ डांड़न-छोड़न
ये तो भरम ये सेवा के अउ आय मानवता के अपमान
अइसन बुता म भीड़े लोगन ल बस बइहा बरोबर जान

(संदर्भ-सामाजिक बहिष्कार, हुक्का-पानी बंद जैसे मुद्दे)
सुशील भोले-9826992811