Monday 18 December 2017

दैवीय शक्तियों को परखने या अनुभव करने ..

दैवीय शक्तियों को परखने या अनुभव करने के लिए कुई लोग उसकी प्रक्रिया को पूर्ण करने के बजाय केवल तर्क-वितर्क करते रहते हैं, और ईश्वरीय उपस्थिति पर प्रश्नचिन्ह अंकित करते हैं। जबकि यह नियम है कि हर चीज की प्राप्ति के लिए उस नियम या प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए। 
मान लिजिए संतान की उत्पत्ति करना है, तो निश्चित रूप से उसकी संपूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण करना ही पड़ेगा। ऐसा ही ईश्वरीय अनुभूति या दर्शन के लिए भी आपको उसकी संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करना ही होगा। केवल तर्क-वितर्क किसी भी परिणाम के लिए निर्धारित मार्ग नहीं है। इसलिए आवश्यक है कि आप तर्कों के जाल से बाहर निकलें और तप-साधना के मार्ग पर अग्रसर हों। साधना का मार्ग और प्रतीक कुछ भी हो सकता है, परिणाम सभी के माध्यम से प्राप्त होता है।

-सुशील भोले-9826992811
संजय नगर, रायपुर

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